tag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post2787358630407489826..comments2023-08-07T20:16:34.743+05:30Comments on वैतागवाड़ी: एक कुड़ी जिहदा नाम मोहब्बत...Geet Chaturvedihttp://www.blogger.com/profile/14811288029092583963noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-26038542348150356772008-06-11T13:39:00.000+05:302008-06-11T13:39:00.000+05:30गीत भाई, धन्यवाद! शिव के गीत बचपन से सुनता आया हूं...गीत भाई, धन्यवाद! शिव के गीत बचपन से सुनता आया हूं--महेंद्र कपूर और जगजीत जी की आवाज़ में । यह गीत अगर सिर्फ़ प्रेम के बारे ही होता और किसी व्यक्ति के लिए नहीं, तब भी इतना ही दमदार रहता । ’हुण तां मेरे कोल खड़ी सी /हुण तां मेरे कोल नहीं है’ । कितना सच, कितना सुंदर!<BR/><BR/>शिव का एक और गीत मुझे इससे भी ज़्यादा पसंद है ।<BR/><BR/>’माए नी माए<BR/>मेरे गीतां दिया नैंना विच<BR/>विरहा दी रड़क पवे’<BR/><BR/>इतने सहज बिंब शिव के ही पास थे। कभी मौका लगे तो जगजीत जी की आवाज़ में सुनियेगा।समर्थ वाशिष्ठ / Samartha Vashishthahttps://www.blogger.com/profile/16678207418787737583noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-52285186181278419022008-05-17T03:17:00.000+05:302008-05-17T03:17:00.000+05:30समय से हम ज़रा-सा हटते हैं तो वह नरम दिखायी देता ह...समय से हम ज़रा-सा हटते हैं तो वह नरम दिखायी देता है. जैसा कि कुछ टिप्पणियों में दिखाई दिया.विजयशंकर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/12281664813118337201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-48278194971113261522008-05-15T23:14:00.000+05:302008-05-15T23:14:00.000+05:30शुक्रिया इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए !शुक्रिया इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-33725373276250670142008-05-15T19:45:00.000+05:302008-05-15T19:45:00.000+05:30गीत जी, मैंने जब तक शिव को नहीं पढ़ा था तो सोच भी न...गीत जी, मैंने जब तक शिव को नहीं पढ़ा था तो सोच भी नहीं सकता था कि कविता ऐसी भी हो सकती है। 'इश्तिहार' पहली कविता थी, जिसे मैंने रब्बी शेरगिल की आवाज़ में सुना और फिर शिव का ऐसा फैन बना कि जाने कहाँ कहाँ से ढूंढ़कर क्या क्या पढ़ डाला।<BR/>वे आपको देर तक रुला सकते हैं। शिव की बराबरी का हिन्दी में भी कोई कवि नहीं है।<BR/>उन्हें पढ़ना जीवन धन्य होने जैसा ही है।गौरव सोलंकीhttps://www.blogger.com/profile/12475237221265153293noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-16609935284124352942008-05-15T19:39:00.000+05:302008-05-15T19:39:00.000+05:30गीत जी, मैंने जब तक शिव को नहीं पढ़ा था तो सोच भी न...गीत जी, मैंने जब तक शिव को नहीं पढ़ा था तो सोच भी नहीं सकता था कि कविता ऐसी भी हो सकती है। 'इश्तिहार' पहली कविता थी, जिसे मैंने रब्बी शेरगिल की आवाज़ में सुना और फिर शिव का ऐसा फैन बना कि जाने कहाँ कहाँ से ढूंढ़कर क्या क्या पढ़ डाला।<BR/>वे आपको देर तक रुला सकते हैं। शिव की बराबरी का हिन्दी में भी कोई कवि नहीं है।<BR/>उन्हें पढ़ना जीवन धन्य होने जैसा ही है।गौरव सोलंकीhttps://www.blogger.com/profile/12475237221265153293noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-55541878288951065102008-05-15T19:15:00.000+05:302008-05-15T19:15:00.000+05:30bahut badhiya sir..panjabi nahi aate huye bhi sama...bahut badhiya sir..<BR/>panjabi nahi aate huye bhi samajh me aa gai..<BR/>bahut badhiya laga padh sun kar..<BR/><BR/>aapke blog par to shuru se hi aata raha hun, magar buddhijiviyon jaisa post padhkar achchha to lagta tha magar koi comment karne me sakuchaata tha.. aaj ke post me aam aadmi ki abhivyakti jhalak rahi hai.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-76637582771568620012008-05-15T17:55:00.000+05:302008-05-15T17:55:00.000+05:30पाश की नजर में शिव मृत्यु-पूजक थे। मुझे यह सरलीकरण...पाश की नजर में शिव मृत्यु-पूजक थे। मुझे यह सरलीकरण लगता है क्योंकि इस हिसाब से संसार के ज्यादातर रोमांटिक कवि मृत्यु-पूजक नजर आएंगे। शिव के बरक्स पाश की कविता को जिंदगी के गीत गाती हुई कहा जाता है, लेकिन मृत्यु उनके यहां भी लगभग शिव जितनी ही रूमानी शक्ल में मौजूद है। मेरे लिए शिव की कविताएं आज भी जगजीत द्वारा गाए 'शिवकुमार बटालवी-बिरहा दा सुल्तान' कैसेट के बारह-तेरह गीतों तक ही सीमित हैं, हालांकि उन्हें ऐडमायर करने के लिए इतना भी कम नहीं है।चंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-51897067399950177362008-05-15T17:09:00.000+05:302008-05-15T17:09:00.000+05:30शिव का यह गीत रब्बी शेरगिल ने भी बेहद खूबसूरत अंदा...शिव का यह गीत रब्बी शेरगिल ने भी बेहद खूबसूरत <A HREF="http://www.imeem.com/soffiiiiiii/music/IHuoiOkt/rabbi_shergill_ikk_kudi/" REL="nofollow">अंदाज में गाया</A> है। इतने खूबसरूत कवि से परिचय कराने के लिए धन्यवाद। प्रसंग जानने के बाद गीत और दमदार बन गया।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-83125304976162900472008-05-15T17:04:00.000+05:302008-05-15T17:04:00.000+05:30गीत जी, शिव के गीत को पढ़ सुन कर तो कई ब्लॉग शिवम...गीत जी, शिव के गीत को पढ़ सुन कर तो कई ब्लॉग शिवमय हो गए हैं।<BR/>पंजाब में आकर पूरे पंजाबी हो रहे हैं धीरे धीरे<BR/>शुक्रिया, लगे हाथ पंजाबी भी सीख डालिए।N Navrahi/एन नवराहीhttps://www.blogger.com/profile/01410910926943422649noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-25678206279012357722008-05-15T14:56:00.000+05:302008-05-15T14:56:00.000+05:30बहुत दिनों बाद यह गाना सुना बहुत अच्छा लगा शुक्रिय...बहुत दिनों बाद यह गाना सुना बहुत अच्छा लगा शुक्रियारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-36397613979033845262008-05-15T09:30:00.000+05:302008-05-15T09:30:00.000+05:30गीत भाई, हमारे यँहा भी मोह्ब्बत की खूशबू फैल रही ...गीत भाई, <BR/>हमारे यँहा भी मोह्ब्बत की खूशबू फैल रही है<BR/>आपका आभार।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-5661153957947320042008-05-15T07:33:00.000+05:302008-05-15T07:33:00.000+05:30Nice Post !Use a Hindi social bookmarking widget l...<B>Nice Post !</B><BR/><I>Use a Hindi social bookmarking widget like <A HREF="http://PrachaarThis.com" REL="nofollow">PrachaarThis</A> to let your users easily bookmark their favourite blog posts on Indian bookmarking services.</I>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-45155275464454020732008-05-15T07:11:00.000+05:302008-05-15T07:11:00.000+05:30गीत है, नदी की तरह बहता हुआ, आम लोगों के सपनों में...गीत है, नदी की तरह बहता हुआ, आम लोगों के सपनों में नाचती परियों सा।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-85261057219853255452008-05-15T06:49:00.000+05:302008-05-15T06:49:00.000+05:30गीत भाईआपका आभार करने को शब्द नहीं मिल रहे. शिव जी...गीत भाई<BR/><BR/>आपका आभार करने को शब्द नहीं मिल रहे. शिव जी के बारे में जानना, अल्प आयु में देहवसान और उस पर भी इतना बड़ा नाम-कविता पढ़ी पंजाबी का अल्प ज्ञान होते हुए भी, सुने सारे लिंक और नत मस्तक हो गया.<BR/><BR/>बहुत बहुत आभार.<BR/><BR/>समीर लालUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-11304669878528224772008-05-15T05:49:00.000+05:302008-05-15T05:49:00.000+05:30.. वे कवि जो एक-एक शब्द में अपनी रूह उड़ेल कर रख दे..... वे कवि जो एक-एक शब्द में अपनी रूह उड़ेल कर रख देते हैं.विजयशंकर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/12281664813118337201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-66793259968557255332008-05-15T05:47:00.000+05:302008-05-15T05:47:00.000+05:30ये लोग कहाँ चले गए! हो सकता है ये हमारे आस-पास ही ...ये लोग कहाँ चले गए! हो सकता है ये हमारे आस-पास ही हों एकदम साधारण कवियों की तरह और हम इन्हें ढूँढते हैं बयाबानों में.विजयशंकर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/12281664813118337201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-61657425030246587142008-05-15T03:47:00.000+05:302008-05-15T03:47:00.000+05:30अरे गीत जी सोनू का ये गीत हर किसी को अपना सा लगता ...अरे गीत जी सोनू का ये गीत हर किसी को अपना सा लगता है। आप को बता कर मैं पूरी पोस्ट को हूबहू अपने ब्लाग पर डाल रहा हूं, आप ने जिन कवियों के बराबर उन का कद बताया है वह बिल्कुल वाजिब है, शिव के इंगलैंड दौरे के दौरान टीएस एलिएट ने उन्हें सुन कर कहा था कि ऐसी आवाज और कविता मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं सुनी। वो गदगद थे शिव से मिलकर।Deep Jagdeephttps://www.blogger.com/profile/14695925764627099199noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-782640702921363295.post-77080699075188186582008-05-15T02:29:00.000+05:302008-05-15T02:29:00.000+05:30गीत जी,शिव कुमार जी का ये गीत पहली बार पढा और सारे...गीत जी,<BR/>शिव कुमार जी का ये गीत पहली बार पढा और सारे लिन्क सुने..<BR/>बहुत आभार ...नहीँ तो बहोत अफसोस रह जाता ! अगर ना सुनते तो !<BR/>-- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.com