Friday, August 7, 2009

तीन अज़रबैजानी गाने

azerbaijan painting Pictures, Images and Photosसब्र हो तो सुनें, कुछ याद आता है क्‍या?




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2 comments:

मोहन वशिष्‍ठ said...

सर जी नमस्‍कार जब गाने आपने डाले हैं तो वो नायाब ही और बेहतरीन होंगे लेकिन मैं यहां पर सुनने में असमर्थ हूं क्‍योंकि मेरे यहां पर अब साउंड कार्ड नहीं है किसी और जगह पर बैठकर सुनूंगा बाकी पेंटिंग्‍स आपने बहुत ही मस्‍त लगाई हैं बहुत बहुत धन्‍यवाद

anurag vats said...

maine aapke hi bheje hue अज़रबैजानी गाने to nhi pr dhun sune hain...use sunne ka ek alag aanand hai...jaise iska...