वह एक कांपती हुई आवाज़ थी. झरना नहीं, उससे फूटकर अलग हुई एक पतली-सी धार थी, जिसकी पोशाक मख़मल की थी. वह आवाज़ अवध की तहज़ीब थी. वैसी ही मिठास, वैसा ही नफ़ासत भरा दर्द. कई दुख छत पर खड़े होकर हल्ला करते हैं, कुछ दुख सिगड़ी में रखे अंगारे की तरह तपते रहते हैं. जो पास आता है, उसे जलाते नहीं, जिंदगी जी सकने लायक़ तपिश देते हैं. तलत महमूद का दर्द शालीन है. वह ख़ामोशी से आंखों से निकलकर दूर होता आंसू है. वह आपके घावों को सहलाता है और कहता है, 'महसूस करो, दर्द का स्वाद मीठा होता है.' (हैं सबसे मधुर वो गीत, जिन्हें हम दर्द के सुर में गाते हैं.) यही वह तपन है, जिसने तलत को तपन कुमार सिन्हा नाम भी दिया था.
विरह से बड़ा कोई राग नहीं होता. सुर के सारे सोते इसी से फूटते हैं. एक हंसती हुई धुन आपके पैरों को थिरका सकती है. एक पनीली धुन आपके दिल के भीतर घुसती है और दिल के पैरहन की सारी सलवटों को साफ़ करती है-- रेशम के बुहारन से. संगीत के शब्दकोश को पलटकर खंगाल लें, वहां रेशम का अर्थ तलत लिखा हुआ मिलेगा. इस आवाज़ को खींचकर आप गगनचुंबी इमारत नहीं बना सकते, इस आवाज़ में आप हाई-पिच सुरंग भी नहीं सेंध सकते. उनकी आवाज़ पगडंडी है- पतली, तमाम हरियालियों के बीच रास्ते का आभास देती हल्की-सी लकीर. यह लकीर दुनिया के तमाम राजमार्गों से ज़्यादा भव्य है. अगर आप तलत को दिल से सुनते हैं, तो गर्व आपकी आंखों का सुरमा होगा.
तलत का दर्द इंतज़ार का दर्द है. आपका कोई आपसे दूर है. आपका दिल मार डूबा जा रहा है. तलत को सुनिए. वह इलाज हैं. वही दर्द हैं. वही दवा हैं. शामे ग़म की क़सम खाइए और वे गीत ढूंढ़ लाइए, जिनके लिए आंखों के दिए जलते हैं. वह आपको दुनिया के भीड़-भड़क्के से निकाल ले जाएंगे, उस जगह जहां कोई न हो. जहां दर्द तलत बन जाता है, इश्क़ तो है ही तलत. जहां ख़ामोशी एक ग़ज़ल का क़ाफि़या बन जाती है, इंतज़ार उसकी बहर. तलत की आवाज़ हमारे भीतर के इसी इंतज़ार को हौसला देती है.
(24 फरवरी 2007 को दैनिक भास्कर में प्रकाशित)
16 comments:
मैं बचपन से उस आवाज़ की जादू के गिरफ्त में हूँ ! बारिश होती है तो लगता है तलत को सुनो..प्यार में लगता है तलत को सुनो...और दर्द में भी !
बाह!
जब आप प्रेम प्रकृति और संगीत पर लिखते हैं तो मुझे और भी मधुर लगने लगते हैं आप
आपका गुरूदत्त वाला लेख पढकर मैंने अपने दोस्त को एक SMS किया था
well, this is vintage Geet Chaturvedi. he proves, for him class is permanent and the form is permanent too. he is always in-form.
फिर ये मेरे FB पर लगाया मैंने
आपके हर आलेख में एक मधुर संगीत का सा आनंद है।
आपके संग तलत को याद करना बहुत अच्छा लगा।
GGShaikh said:
दर्द के सुर में सबसे मधुर गीत...
तलत महमूद को कोई ऐसे भी बयां करे !
उनकी गायकी का जैसे पूरा का पूरा तर्जुमाँ...!
गीत चतुर्वेदी जी, आपकी कलम है या अंतहीन प्रज्वलित सी फुलझड़ी...!
प्रस्फुट होते रहे बस सितारे ही सितारे....
हमारी तो हालत इस लेख को पढ़कर वैसी हुई कि, "कोई सितारे
लुटा रहा था, किसी ने दामन बिछा दिया..."
कलम की रवानगी, क्या यूँ ही तो न हासिल की जाती होगी...?
न चाहते हुए भी एक पुरानी कहावत टांक ही दूँ:
"तुम्हारे लेखन कि तारीफ़ करना मानो सूरज को दिया दिखाना".
ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहाँ कोई न हो . . .
A GOLDEN VOICE......"TALAT MAHMOOD"
'KING OF GHAZALS'.........
'MAN WITH THE GOLDEN VOICE'........
'A PERFECT GENTLEMAN'.........
'VELVET VOICE OF INDIA'.........
THESE ARE SOME OF THE MANY ACCOLADES SHOWERED ON THE MAN HISTORY KNOWS AS TALAT MAHMOOD...... AN ENORMOUSLY TALENTED SINGING STAR WHO BECAME A LEGEND IN HIS LIFETIME ! EVERY SONG THAT TALAT MAHMOOD SANG POSSESSED A HUSHED MAJESTY AND AN ABIDING GRACE WHICH ARE FOREVER EMBEDDED IN THE HEARTS OF HIS MILLIONS OF FANS ALL OVER THE WORLD. TALAT MAHMOOD WILL ALWAYS BE REMEMBERED AS ONE OF THE GREATEST SINGING STARS OF ALL TIMES !!!
तलत मेरे पसंदीदा गायकों में से हैं ..उनकी आवाज की गहराई ही एक अलग जादू है जिसमे दर्द फूट फूट के बोलता है.. आपने जिन शब्दों में तलत जी की आवाज के तिलस्मी जादू के बारे में बात की वे शब्द और वह लहजा भी काबिले गौर नहीं बल्कि काबिले तारीफ़ है.. उम्दा लेख.. शब्द और वाक्य बेमिशाल..
चतुर्वेदी साहब, आपके यहाँ पहली बार आना हुआ है लेकिन लग रहा है है कि ये अपनी रैगुलर सैरगाह बनने वाली है:)
सही कहते हैं आप तलत की आवाज दर्द भी है, दवा भी।
पढ़ने लायक एक शानदार साईट उपलब्ध करवाने का आभार।
talat mere pasandida gayak hain.Our sweetest songs are those that tell of saddest thought shelley ki ye panktiya talat dwara gaye geeton ke liye bhi itemal ki ja sakti hain.unhe sunte hue dil kahin gahre mein doob jata hai.gana khatm hone ke bad bhi man mein goonjta hai aur us awastha se bahar nikalne mein samay lagta hai.makhamali awaj dheema sukoonbhara sangeet shrotaon ko apne sath baha le jate hain.
कित्नी शिद्दत से लिखा है आपने ....एक एक श्ब्द मे से तलत की आवाज़ निकल रही है मानो ....
पुर्सुकून सा देता ....सुंदर आलेख ...
तलत और उनकी रेशमी मखमली आवाज के जादू के असर को बताने का आपका अंदाज-दोनों ही लाजवाब हैं.वह मेरे पसंदीदा गायक हैं जिनके हर गाने को कितनी ही बार सुन चुकी हूँ.उन्हें सुनते हुए लगता है हम अपने अंदर की आवाज सुन रहे हैं जिसमें अनेक दर्द बिलखते हैं और शांत हो जाते हैं.आदमी कितना भी दुखी हो, तलत उसे सुकून देते हैं.अपने सही कहा यह रुदन चुपचाप चलता है,हाहाकार नहीं मचाता.इस आवाज के जादू से बंधकर दर्द भी काव्यात्मक हो जाता है और ग्रीक ट्रेजडी की तरह केथार्टिक अनुभव होता है.हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें तलत के सुर में गाते हैं
तलत का गाया एक गीत फिल्म देवदास से --" मितवा ............. |" जब सुना ,लगा ,अगरबत्ती का धुआँ बनके लहराता हुआ एक दर्द मुझमें समाया जा रहा है ! ऐसा अनुभव फिर किसी भी गीत से नहीं मिला ! आपने तलत साहब को जितनी खूबसूरत श्रद्धांजलि दी है सच मे वे इसके हकदार हैं ! इस भावपूर्ण आलेख के लिए दिल से सराहना करता हूँ !
Har Baar ki tarha dil ki aawaz ko shabdon ka roop deta ye lekh... mere pasandida gayak ke liey mere pasandida lekhak dwara bhavpoorn shradhanjali... Shukriya Geet Sir Shukriya Talat...
Is pyare bhavpoorn lekh ke liye shukriya Geet Sir & shukriya Talat ki tum aaye or mere dil ki pukar ko gazal banaya...
तलत की आवाज मैं छिपे दर्द की कोई बराबरी नहीं |
अच्छी पोस्ट |
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