युवा कवि सिद्धान्त मोहन तिवारी ने एक इंटरव्यू लिया है, जिसे उन्होंने अपने ब्लॉग 'बुद्धू-बक्सा' पर प्रकाशित किया है. इसके सवाल बहुत अनोखे हैं, इसलिए कि वे एक बड़े फलक को संबोधित करते हैं. उनके जवाबों में कई बार अटकाव का अंदेशा रहा. बहरहाल, वे ऐसे बुनियादी प्रश्न हैं, जिन पर बात करने में बहुत आनंद आया. ख़ासकर, समय का सवाल. हम अपनी रचनाओं में उसी को छूना चाहते हैं, उसी के पार जाना चाहते हैं, और घर्षण भी उसी से होता है.
नीचे दिए गए लिंक पर जाएंगे, तो आपको यह पूरा इंटरव्यू पढ़ने को मिलेगा. इसमें समय, धर्म, प्रेम, स्मृतियों आदि पर मेरे कुछ ऑब्ज़र्वेशन हैं, नई कविताओं की शैली के बारे में विस्तार से बातें हैं और हमेशा की तरह, अपने प्रिय लेखकों के प्रति मेरा श्रद्धासुमन-अर्पण भी है.
गीत चतुर्वेदी से सिद्धांत मोहन तिवारी की बातचीत
1 comment:
bahute khoob...
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