बहुत अच्छा ...बहुत सुखद है भैये ये सभी कुछ....अभी परिकथा में राजेश जोशी और परमानंद श्रीवास्तव के इंटरव्यू पढ़े....और फिर तुम्हारा .....क्या नई पीढी सचमुच विचारहीन है...क्या वे तुम्हारा इंटरव्यू पढ़ पाएंगे....
बहुत शुक्रिया, शिरीष. पीढि़यों का क्या कहें. बक़ौल ग़ालिब, कोई हमें सताये क्यों...
hardik badhai.
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बहुत अच्छा ...बहुत सुखद है भैये ये सभी कुछ....अभी परिकथा में राजेश जोशी और परमानंद श्रीवास्तव के इंटरव्यू पढ़े....और फिर तुम्हारा .....क्या नई पीढी सचमुच विचारहीन है...क्या वे तुम्हारा इंटरव्यू पढ़ पाएंगे....
बहुत शुक्रिया, शिरीष.
पीढि़यों का क्या कहें. बक़ौल ग़ालिब, कोई हमें सताये क्यों...
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