Saturday, January 7, 2012

इन दिनों





पिछले दिनों कुछ कविताएं हुई हैं. 2010 में 'उभयचर' के बाद मैंने कोई कविता नहीं लिखी थी. 2011 के मध्‍य और आखि़री महीनों में  कुछ हुई हैं. अगस्‍त में जो कुछ लिखा गया था, उनमें से कुछ सबद पर आया था, कुछ -लोकमत' और 'नवभारत टाइम्‍स' के दिवाली विशेषांकों में.

बीते दिनों जो कविताएं हुईं, उनमें से कुछ 'समालोचन' पर प्रका‍शित हैं. नीचे दिए गए लिंक पर जाकर वे कविताएं पढ़ी जा सकती हैं.

समालोचन - पांच नई कविताएं - गीत चतुर्वेदी



1 comment:

बाबुषा said...

पढ़ी गयीं !
आप ये जान लें कि आप लगातार ख़ुद को पीछे छोड़ते चल रहे हैं गीत !