Sunday, May 20, 2012

सात कविताएं, ध्‍वनि और दृश्‍य






यह नया है. सबद की सालगिरह पर बना है.

यह 'सबद पोएट्री फिल्‍म' है. इसमें मेरी सात कविताएं हैं. अपनी कविता पर एक छोटा-सा वक्‍तव्‍य है. बहुत सारी जि़ंदा तस्‍वीरें हैं और चुनिंदा संगीत है. कहना न होगा, बिना किसी संसाधन के यह काम हुआ है.

यह एक छोटी-सी कोशिश है. सबद पर प्रकाशित-प्रसारित हुई है. इस लिंक पर देखें.

सबद पोएट्री फिल्‍म : गीत चतुर्वेदी

या सीधे यू-ट्यूब पर ही देख लें.


 

6 comments:

vandana khanna said...

बेहतरीन फिल्म..पोएट्री पर ऐसा हिंदी में कभी कुछ नहीं देखा..इस फिल्म को देखना कविता के भीतर यात्रा करने जैसा है.इस यात्रा में कविता तस्वीरें बन कर आंखों में तैरती है, संगीत बन कर मन के भीतर बजती है और आवाज़ शब्द-शब्द बरसती है..

ANULATA RAJ NAIR said...

just beautiful.................

congrats.

anu

रश्मि प्रभा... said...

तारीफ ऐसे ब्लॉग की होती है ... मुझसे संपर्क करें rasprabha@gmail.com पर

रश्मि प्रभा... said...

http://kuchmerinazarse.blogspot.in/2012/05/blog-post_25.html

सदा said...

बहुत ही बढि़या ... आभार ।

प्रदीप कांत said...

अच्छी कविताअओं का एक अलग अन्दाज़ में प्रस्तुतिकरण